Thursday, April 19, 2012
Three visions of my india by Dr. APJ Abdul Kalam
मेरा भारत देश मेरी नज़र मे.....
१) इन ३००० वर्शो के इतिहास मे नज़र डाले तो हमे देखेगे की पूरे विस्व भर के समुदायो ने हम पर हमारी सभ्यता पर संस्कृति और साहित्य पर आक्रमण किये है, और हमारी जमीन हथिया ली यहा तक की हमारे दिमागो पर भी कब्जा कर लिया। अलेक्जेंडर, ग्रीक्स, तुर्क्स, फ़्रेन्च, ड्च, मुगल्स, ब्रिटिश सभी ने हमे जम कर लूटा जो हमारा था सब ले लिया।
तब भी हमने कभी किसी राष्ट्र के साथ ऐसा कुछ नही किया। हमने किसी पर कब्जा नही किया। हमने उनकी ज़मीन, संस्कृति, इतिहास पर कब्जा नही किया कभी अपना ध्रम उन पर नही थोपा।
क्यो......
क्योकी हम सभी की आजादी की इज्जत करते है। इसलिये मेरा पहला द्रिस्टी कोण आजादी का है।
२) मेरा दूसरा द्रिस्टी कोण है विकास। ५० साल से हम एक विकासशील देश है, अब समय आ गया है कि हम अपने आप को विकसित देखे और कहे। हम जी.डी.पी के आकणो मे विस्व मे ५ वे स्थान पे है, जी.डी.पी १०% से अधिक दर से व्रिधी अधिक्तम छेत्रो मे दर्ज की गयी है। हमारा गरीबी दर तेजी से गिर रहा है। हमारी उपलब्धियों आज विश्व स्तर पर पहचानी जा रही है। पर अभी तक हम स्वयं को विकसित, आत्मनिर्भर, आत्मनिर्भर राष्ट्र के रूप में हमारे आत्म विश्वास की कमी के कारण नही देख पा रहे है।
३) मेरा तीसरा और आखिरी द्रिसटी कोण यह है कि अब हमे खडा होना पडेगा, क्योकी जब तक हम खडे नही होगे विश्व मे कोइ सम्मान नही देगा। केवल शक्ती ही शक्ती का सम्मान करती है। हमे केवल अपने सेना बल से ही नही बल्की आर्थिक शक्ति से भी मजबूत होना पडेगा, दोनो साथ साथ ही चल कर एक सम्पूर्ण राष्ट्र के निर्माण के श्रोत है।
मेरे इस हिन्दी अनुवाद मे कुच त्रुटिया होतो माफ़ करे...
जय हिन्द जय भारत...!!
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