Sunday, June 10, 2012

देश के प्रिय अभिनेताओं का सत्य.....



सबसे पहले तो मे आपको ये कहना चाहता हूं के जब जब इस देश के साहित्य और संस्कृति की बात आयेगी तब-तब मै यही बात बोलूंगा की देश मे एक दो देश भक्तों को छोड़ कर कभी गैर मज़हबी लोगों ने हमारा साथ नही दिया यही सेकूलरवाद का ढोंग देखते १९४७ से आज २०१२ आ गयी सिवाये बरबादी के कुछ नही हुआ।
दुसरी बात... आज आपके प्रिय अभिनेता पर प्रश्न उठा तो आप बॊखला उठे ये तो केवल एक उधारण मात्र था। एक बात ध्यान से सोचों की हमारी भारतीय फ़िल्म जगत के लोग रोज़ाना विदेश जाते हैं और ज्यादा तर सभी जाते हैं तो अमरीका वाले केवल शाहरुख को ही क्यों रोकते हैं। मैने कभी नही सुना की बोमन इरानी को रोक लिया हो राम गोपाल वर्मा को रोक लिया हो..... या अन्य किसी को रोक लिया हो।
वो फ़.बी.आई/सी.आई.ए के अधिकारी इसी खोज खबर पे रहते हैं, मेरे मित्र कुछ तो सोचा होगा जो इसे रोका होगा ये जब जब गया है तब तब रोका गया है, और आगे भी रोका जायेगा।
तीसरी बात... मै आप लोगों को ये स्पश्ट शब्दों मे कहे देता हूं की देश मे क्रांती लाने के लिये हम इन अभिनेताओं पर निर्भर नही रह सकते इस लिये हमे उठ्ना होगा गम्भीरता से समझना होगा कोइ शाहरुख, आमिर, सलमान, संजय द्त्त ये काम कर नही सकते हमें ही जानना होगा की हम क्या थे और क्या हो गये हैं।

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